विषैले पानी को साफ करने वाला जादुई पत्थर, पारस पत्थर से भी कीमती

पारस पत्थर की तरह जादूई है यह पत्थर

हमने प्राचीन दंतकथाओं में पारस पत्थर का जिक्र सुना है जिसका काम होता था धातु को सोने में बदलना। अब इस बात में कितनी सच्चाई थी या यह केवल एक मिथक है, यह एक शोध का विषय है। हम आज जिस विषय में बात करने वाले हैं उस की महत्वता यकीनन ही पारस पत्थर से अत्यधिक है। जिस तरह मनुष्य वातावरण को दूषित कर रहा है और पानी को प्रदूषित, उससे यह निश्चित है की एक समय पानी का मूल्य हीरे मोती व दूसरे अन्य बहुमूल्य वस्तुओं से भी अधिक होगा।

आज के दौड़ में यह खोज, एक चमत्कार के जैसा है। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे पत्थर की जो पारस से भी अनमोल है। जिसके स्पर्श से विषैला जल भी निर्मल पीने योग्य जल बन जाता है, क्योंकि जल के बिना जीवन नहीं है। लिहाजा गहराते जल संकट से जूझ रही दुनिया के लिए यह पत्थर संजीवनी का काम कर सकता है। इसका नाम है 'स्कोलेसाइट' है।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने इस पत्थर की अद्भुत विशेषता पर शोध किया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह प्रोजेक्ट सौंपा था। इस पत्थर के पाउडर से जल शोधन के युक्ति के पेटेंट का दावा आई.आई.टी ने कर दिया है, इसे आप भारत की एक और बड़ी खोज मान सकते हैं।

यह पत्थर महाराष्ट्र अहमदनगर और पुणे के पहाड़ी इलाके में पाया जाता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि यह पानी में मिली छोटी मोटी गंदगी ही नहीं साफ करता बल्कि उसे आरसेनिक, शीशे और पारे जैसी विषैली धातुओं से भी पूर्णतय मुक्त करने का विशेष गुण रखता है। भारत के लोग आज तक इस पत्थर की इन खूबियों से अनजान थे। इस बहुमूल्य पत्थर का इस्तेमाल आज तक सड़क बनाने के लिए किया जाता था। आप कल्पना कर सकते हैं यह विषैले पानी व नदियों के दूषित पानी को साफ करने में कितना सहायक सिद्ध हो सकता है।
टॉकिंग स्टार 1997

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