अब लाल केले के रूप में दिखेगा नया अजूबा, भारत में स्वागत कीजिए लाल केले का !

              लाल रंग का केला
समय-समय पर देश में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ का निर्यात किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है या फिर उसका इजाद किया जाता है। हम बात कर रहे हैं लाल रंग के केले की, जिसे भारत में ऑस्ट्रेलिया से लाया जाएगा। आपको यह बता दे , इसकी खोज बहुत पहले ही हो चुकी है। इसे सर्वप्रथम अमेरिका के कोस्टा रिका में उगाया जाता था। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भी इसका उत्पाद होता है।



बहुत जल्द भारतीय बाजार भी लाल रंग के इन केलो से भरा मिलेगा। सिर्फ इन खेलों का रंग लाल होना ही इनकी खासियत नहीं है बल्कि इसकी खासियत है इसकी गुणवत्ता। अगर आप सोच रहे हैं कि इन केलो को खाया नहीं जा सकता, तो आप बिल्कुल गलत है। यह हरे और पीले केले से अत्यधिक स्वादिष्ट और लाभप्रद होता है। लाल केलो की खेती उत्तर भारत में शुरू की जा चुकी है। मुख्यता बिहार में इसके लिए किसान शिक्षित हो रहे हैं और हो सकता है। अगर बहुत जल्द ही आपको अपने आसपास लाल केला मिल जाए तो इसे अजूबा ना समझें। लाल केले की यह नस्ल भारत के लिए अजूबा होगी।

 यह केला दिल, किडनी संबंधी बीमारी में बहुत ही कारगर है। यह केला डायबिटीज के मरीजों के लिए भी सहायक है क्योंकि यह विटामिन सी से भरपूर है। इस फल में 110 कैलोरी होता है। इसमें फेट, केलोस्ट्रोल और सोडियम नहीं होता। इसमें 29 ग्राम कारबोहाइड्रेट और एक ग्राम प्रोटीन होता है।

किन देशों में पाया जाता है या केला

लाल केला अमरीका के अलावा वेस्ट इंडीज, मेक्सिको, जमैका, इक्वाडोर और ऑस्ट्रेलिया के कई भागों में लोकप्रिय है। सबसे ज्यादा इसकी उपज ईस्ट अफ्रीका, साउथ अमरीका के देशों में होती है। यही से पूरे विश्व में निर्यात किया जाता है। वैसे केले की यह प्रजाति भारत के केरल में देखने को मिल जाती है।

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