काला गेहूं - पहली बार उगेगा भारत में, दुनिया इसकी खासियत और कीमत जानकर हैरान है

                काली गेहूं की खोज
भारत में कई दिलचस्प और महान खोज किए हैं, प्राचीन काल से ही भारत नए-नए खोज करने में और नए नए उत्पाद करने में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर रहा है| ऐसा ही एक कारनामा किया है नेशनल एग्रो फूड बायो टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट मोहाली ने ब्लैक वीट का पेटेंट करा कर जिसका नाम दिया है ' नाबी '।

इस खोज से पूरी दुनिया आश्चर्यचकित है दुनिया में पहली बार किसी ने ऐसा कारनामा करके दिखाया है केवल यह दिखने में काला नहीं है बल्कि इसकी खासियत ही ऐसी है, जो लोगों को अचंभे में डाल रही है। पूरी दुनिया की कंपनी अब इस गेहूं के उत्पाद को हासिल करना चाहती है। आइए जानते हैं थोड़े विस्तार में :-


काली गेहूं की विशेषता व रिसर्च
7 साल की रिसर्च के बाद नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट मोहाली ने अपने एक अनोखी इजात से दुनिया को अचंभे में डाल दिया। जिसे नाम दिया 'नाबी', काले, नीले और जामुनी रंग में मिलने वाले यह आम गेहूं से कहीं ज्यादा पौष्टिक है। कई बीमारियों में लड़ने में सहायक है या कैंसर, डायबिटीज तनाव मोटापा और दिल की बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित होंगे। इस देश में पहली बार पंजाब में उगाई जाएगी हालांकि ट्रायल के रूप में 850 क्विंटल का उत्पात किया गया है।


 आम गेहूं के मुकाबले दोगुनी होगी हालांकि यह कहना अभी मुश्किल है कि यह गेहूं बाजार में कब से उपलब्ध होगी। इसकी कीमत दोगुनी होने का कारण इसमें मौजूद एंथोसायनिन नामक पिगमेंट है।आम गेहूं में इसकी मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है, वही ब्लैक वीट में इसकी मात्रा 40 से 140 पीपीएम पाई जाती है। यह बैरी जैसे फलों की तरह सेहत लाभ प्रदान करता है। बहुत सारे गंभीर बीमारी कैंसर और डायबिटीज के रोकथाम में सहायक सिद्ध होगा। आज प्रदूषित अनाज के उत्पादन से लोगों की स्वास्थ्य बिगड़ रही है और स्वास्थ संबंधी कई बीमारियां उत्पन्न हो रही है ऐसी स्थिति में यह वरदान साबित होगा। ा आप हमारे इस वेबसाइट को जरुर सबस्क्राइब करें और मजेदार और रोचक खबरें का फायद उठाए। यह सेवा बिल्कुल मुफ़्त है।

Talking Star 1997 { कंटेंट कॉपीराइट }

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