दलवीर भंडारी बने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश 190 में से मिले 183 वोट, 17 साल बाद भारत की मानुषी छिल्लर बनीं मिस वर्ल्ड
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर बढ़ गया भारत का सम्मान
विगत कुछ वर्षों में भारत में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, अंतर्राष्ट्रीय पैमाने पर भी भारत की साख मजबूत हुई है अंतर्राष्ट्रीय जगत का भारत को देखने का नजरिया बदला है, उसके साथ साथ उनके सोच में भी भारत के प्रति बहुत बड़ा बदलाव आया है, फलस्वरूप कई अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण में भारत ने पिछले कुछ दशकों के मुकाबले विगत 3 वर्षों में कई पायदान की बढ़त हासिल की है। इसका श्रेय किसे जाना चाहिए यह शोध का विषय हो सकता है, लेकिन यहां बात हो रही है कि भारत ने अब ऐसा कौन सा कारनामा किया है जिसके लिए हम आज चर्चा कर रहे हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत ने दो ऐसे ही अन्य और सफलता को प्राप्त किया है, जिससे भारत का स्थान अंतर्राष्ट्रीय जगत में और ऊंचा हुआ है। आज मोदी और भारत को एक दूसरे का पर्याय समझा जाता है ।अगर आप भारत की बात कर रहे हैं तो कहीं ना कहीं आपको प्रधानमंत्री के और अगर आप प्रधानमंत्री की बात कर रहे हैं, तो उसमें भारत का जिक् आना ही है।
भारत को इन 3 वर्षों में जो भी सफलता मिल रही है, उसका श्रेय भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को दिया जा रहा है। इसका विरोध भी होता है लेकिन कई व्यक्ति और संस्था इसके समर्थन में भी है। उनका मानना है कि यह सारे बदलाव एक मजबूत इच्छाशक्ति वाले सरकार के आने के बाद ही संभव हो पाई है भले ही इसका श्रेय आप किसी व्यक्ति विशेष को ना दे लेकिन प्रधानमंत्री पद पर विराजमान उस पद को इसका श्रेय दिया जाएगा या दिया जाना चाहिए। आज के दिन भारत के द्वारा एक और इतिहास रचा गया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी भारत के एक नागरिक को न्यायाधीश का दर्जा मिला है और ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी भारतीय को इतने अधिक मत से अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
लेकिन यहां सब से गौर करने वाली बात यह है कि इस भारतीय ने बहुत ही अधिक बहुमत से अपने आप को इस पद पर पदस्थ किया है। इन्हें कुल 190 में से 183 वोट से बहुमत में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। यह अपने आप में ही एक कीर्तिमान है और एक भारतीय होने के नाते यह विशेष बात भी है और हर भारतीय के लिए विशेष महत्व रखता है हो सकता है। इसका श्रेय किसी एक व्यक्ति विशेष को ना दिया जाए लेकिन प्रधानमंत्री पद को इसका श्रेय बहुत से लोगों के नजर में जाता है। भारत इसके लिए हकदार बनाने वाले व्यक्ति का नाम है दलवीर भंडारी। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में कुल 190 में से 183 वोट से खुद को विजई बनाए और अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के एक न्यायाधीश बन गए।
वही भारत को दूसरा सम्मान दिलाया है मानुषी छिल्लर ने, यह भारत को 17 साल बाद मिस वर्ल्ड का खिताब जिताने में सफल और सक्षम रही।17 साल बाद किसी भारतीय नागरिक को मिस वर्ल्ड का खिताब मिला है यह भी अपने आप में एक सम्मान की बात है। "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी"
टॉकिंग स्टार
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